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Wednesday 17 January 2018

हज सब्सिडी का सच।


सतीश चोपड़ा
राष्ट्रीय अध्यक्ष
एकता विकास मंच
हज की सब्सिडी खत्म होने पर कुछ राष्ट्रवादी हिंदू संगठन ऐसे जश्न मना रहे हैं जैसे उनको बहुत बड़ा फायदा हो गय लेकिन हम सब को यह मांग करनी चाहिए कि जैसे मुसलमानों के तीर्थ यात्रा पर सब्सिडी समाप्त की गई ऐसे ही अन्य सभी धर्मों के तीर्थ यात्रियों पर जो भी सब्सिडी दी जाती रही है वह भी समाप्त होनी चाहिए ताकि धर्म के नाम पर कोई सरकार पर अर्थात टैक्स देने वालों पर निर्भर ना हो अपनी इच्छा से अपनी कमाई से जिसको जहां जाना हो जाए सरकार का काम केवल कानून और शांति व्यवस्था की होनी चाहिए ना की बढ़ावा देने की और सब्सिडी देने की ।
आइए देखते हैं हज सब्सिडी की सच्चाई क्या है

हज सब्सिडी को ऐसे समझिये...
हज सब्सिडी को लेकर  काफी वक़्त से मुसलमानो को शर्मशार किया जा रहा है. क्या वाक़ई में सब्सिडी हाजियों को दी जाती है ?सरकार सब्सिडी देती नहीं है, बल्कि 26 हज़ार के क़रीब हर हाजी से सब्सिडी वसूलती है.
आइये ज़रा कुछ हिसाब किताब निकालतें हैं ।।
कैलकुलेशन ऑफ़ सब्सिडी
फिलहाल मक्का शरीफ से इंडिया के लिये हाजियों का कोटा एक लाख पचहत्तर हज़ार (1,36,000) है ।अब ये बढ़ कर 1,75,000 हो गया है।पिछले साल हमारी गवर्नमेंट ने सालाना बजट में 691 करोड़ हज सब्सिडी के तौर पर मंज़ूर  किया था।
691 करोड़ ÷ 1.36 lakh = 50.8 हज़ार
यानी एक हाजी के लिए 50000 रुपये ।।
◀ अब ज़रा खर्च जोड़ लेते हैं ▶
एक हाजी को हज के लिए गवर्नमेंट को एक लाख अस्सी हज़ार (1,80,000) देने पड़ते हैं ।जिसमे चौतीस हज़ार (34,000) लगभग 2100 रियाल मक्का पहुँचने के बाद खर्च के लिए वापस मिलतें हैं ।
1.8 लाख - 34000 = 1.46 लाख
यानि हमें हमारी गवर्नमेंट को एक लाख छियालीस हज़ार (1,46,000) रुपये अदा करने पडतें हैं ।।
मुम्बई से जद्दाह रिटर्न टिकट 2 महीने पहले बुक करतें हैं तो कुछ फ्लाइट का किराया 25000 रुपये से भी कम होगा । फिर भी 25000 रुपये मान लेतें हैं । (irctc पर चेक कर लीजिये)
खाना टैक्सी/बस का बंदोबस्त हाजियों को अलग से अपनी जेब से करना होता है ।
गवर्नमेंट को अदा किये एक लाख छियालीस हज़ार रुपये (1,46,000) में से होने वाला खर्च ___
फ्लाइट = 25,000
मक्का में रहना(25दिन) = 50,000
मदीना में रहना(15दिन) = 20,000
अन्य खर्चे = 25,000
कुल खर्च हुआ =1,20,000
कन्फ्यूज़न
मतलब एक हाजी से लिये 1,46,000 रुपये और खर्च आया 1,20,000 रुपये मतलब एक हाजी अपनी जेब से गवर्नमेंट  को 26,000 देता है ।
अब असल मुद्दा ये है की जब हाजी सारा रुपया अपनी जेब से खर्च करता है और उसके ऊपर भी 26,000 रुपये और गवर्नमेंट के पास चला जाता है ।
मतलब लगभग एक हाजी से सब्सिडी मिला कर गवर्नमेंट के पास 76,000 हज़ार हो जाता है तो ये पैसा जाता कहाँ है ।।
26,000+50,000 × 1,36,000= 10,33,60,00,000 (दस अरब तेतीस करोड़ साठ लाख रुपया)
याद रहे की एयर इंडिया कंपनी फिलहाल 2100 करोड़ के घाटे में चल है ।।
बिला शुबहा ये रुपया एयर इंडिया कंपनी को जाता है
और शर्मिंदा मुसलमानो को किया जाता है।

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