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Wednesday 17 January 2018

राष्ट्रीय उलेमा कौन्सिल का एक प्रतिनिधिमंडल आज आज़मगढ़ पुलिस कप्तान से मिला।


आज राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल का एक वफ़द क़ौमी नायब सदर मौलाना शहाब अख्तर क़ासमी की क़यादत में आज़मगढ़ पुलिस कप्तान से मिला और लाऊड स्पीकर की परमिशन के मसले पर बरक़रार तज़्ज़ुब को खत्म करने की पहल की। वफद ने एसएसपी को मुख्तलिफ इलाकों में पुलिस के ज़रिए मस्जिद से लॉडस्पीकर उतरवाने की मिल रही शिकायत से बाख़बर किया और हुकूमत और इन्तेज़ामिया के नज़रिए को साफ करने की बात कही जिसपर पुलिस कप्तान ने साफ कहा कि लाउडस्पीकर उतरवाने की कार्यवाही सिर्फ उन मज़हबी इमारतों पर हो रही है जिन्होंने अब तक न तो इजाज़तनामे का फॉर्म भरा है और न पहले से कोई इजाज़त ली है। जिन मंदिर-मसाजिद के जिम्मेदारों ने इजाज़त के लिए हुकूमत से जारी फॉर्म को भरा है उन्होंने घबराने की ज़रूरत नही है, जब तक उनकी दरखास्त का निपटारा नही हो जाता उनके खिलाफ कोई ऐसी कारवाही नही होगी और अगर कहीं ऐसा कुछ होता है तो उसकी इत्तेला आप ज़िले हमे कीजिये।

वफद की मुलाक़ात के बाद मौलाना शहाब अख्तर क़ासमी ने अपने बयान में कहाकि लाऊड स्पीकर पे बंदिश लगाने का फैसला अदलिया का है और ये यूपी के तमाम मज़ाहिब के मानने वालों पर नाफ़िज़ है और सभी मज़हबी इदारों पर बराबर लागू है। इसे लेकर बिलावजह की अफवाहों पे ध्यान देने की ज़रूरत नही है और न ही घबराने की ज़रूरत है। कानूनी प्रोसीजर को पूरा करें और बेफिक्र होकर लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल करें। अगर कहीं इन्तेज़ामिया की तरफ से ज़बरदस्ती की जा रही हो या कोई परेशानी हो तो राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के ज़िम्मेदारों से राब्ता करें।
वफद के साथ गए काउन्सिल के सूबाई सदर ठाकुर अनिल सिंह ने कहाकि राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के ज़िमेदार इस मसले पर याब तक कई बार DM व SSP से मिल चुके हैं और  इन्तेज़ामिया ने इस मसले पर हमारा और अवाम का पूरा साथ देने का भरोसा दिलाया है। इस फैसले से हिन्दू-मुस्लिम सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है पर कानूनी का एहतराम करना हम सबका फ़र्ज़ है पर हम अवाम को ये बागी यकीन दिला देना चाहते हैं कि कानून की आड़ में हम किसी के साथ नाइंसाफी नही होने देंगे।
ज़िला सदर शकील अहमद ने कहा लाऊड स्पीकर हटाने को लवकर दीदारगंज, रौनापार, फूलपुर, बिलरियागंज वगैरा से शिकायतें मिली थीं जिन्हें हल कराया गया है, इसी मक़सद के तहत जामियातुर रशाद मदरसा में एक तहफ़्फ़ुज़ मसाजिद कमेटी की अर्ज़ी तशकील हुई है। हम ज़िले के तमाम मसाजिद के मुतवल्ली, ईमाम, ज़िम्मेदारान और आम अवाम से गुजारिश करेंगे कि वो कोशिश करके ज़िले की तमाम मसाजिद का रिकॉर्ड और उनके ज़िम्मेदारों के नाम या जो फॉर्म उन्होंने इजाज़त के लिए भरा था उसकी एक कॉपी जमेअतुर रशाद मदरसा, आज़मगढ़ पहुंचाने की कोशिश करें ताकि एक रिकॉर्ड इकठ्ठा हो सके इस मजमुई मसले का हल भी मजमुई तौर पे हो और आइंदा किसी और ऐसी मुश्किल पे मुत्तहिद हो एक प्लेटफार्म से काम किया जा सके।


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