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Wednesday 21 March 2018

RUC प्रवक्ता का तंज ‘SP की जीत और BJP की हार पर मुसलमान खुश, यानी बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’

राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के प्रवक्ता का तंज ‘SP की जीत और BJP की हार पर मुसलमान खुश, यानी बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’

राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के प्रवक्ता एंव युवा नेता तल्हा रशादी ने प्रदेश की उन पार्टियों पर निशाना साधा है जो खुद को सेकुलर कहती हैं लेकिन मुसलमानों को राजनीतिक भागीदारी देने के के सवाल पर मौन रह जाती हैं। तल्हा ने कहा कि 2014 की 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 80 सांसदों में एक भी मुसलमान सांसद बन पाया, ऐसा प्रदेश में पहली बार हुआ जबकि तमाम सेकुलरिज़्म के मसीहा इसी प्रदेश से हैं।

तल्हा ने कहा कि प्रदेश में दो उपचुनाव हुए यानी कि दो ऐसे मौके जहां मुसलमानो को प्रतिनिधित्व दिया जा सकती था, पहली बार रफीकुल मुल्क मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी जैसी सपा की सुरक्षित सीट छोड़ी थी तब फिर दूसरी बार सपा के पास फूलपुर में मौक़ा था कि वो अतीक अहमद को अपना प्रत्याशी बनाती जो कि फूलपुर से सांसद रह भी चुके हैं और सपा के सदस्य भी थे।

तल्हा ने कहा कि अतीक की जीत निश्चित ही होती। परंतु क्या कभी देखा है कि डोली में बैठने वाले ने कभी कहांर को भी डोली में बैठने का मौका दिया हो? गुलामों को कभी तिजोरी की चाभी नही सौंपी जाती, हैं बहुत खुश हुए तो कुछ अशर्फियाँ उनकी ओर उछाल दी जाती है वो इसे ही अपनी औकात से ज़्यादा मान बैठते हैं और ज़ोर से नारा लगाते हैं कि’ “ये जवानी है कुर्बान, अलीजान आपके नाम।

लोग कर रहे हैं सवाल

उन्होने कहा कि बहुत से लोग मुझ से सवाल कर रहे हैं कि भाजपा की हार और सपा की जीत पर आपको क्यों तकलीफ है?  देखिये मुझे ना तो सपा की जीत से तकलीफ है न भाजपा की हार से। मुझे तकलीफ इस बात से है कि सपा की जीत पर क्यों दीवाने हुए हैं? सपा तो आपके (मुसलमानों के) योगदान को मान भी नही रही है।

तल्हा रशादी ने कहा कि खुश ही होना है तो पीस पार्टी के गठबंधन की जीत पर खुश होइए, पीस पार्टी के लिए खुश होइए पर आप हैं कि अखिलेश भैय्या पर जान निछावर किये जा रहे हैं और अखिलेश भैय्या आपका नाम तक लेने में शर्मा रहे हैं। अब बेगानी शादी में अब्दुल्लाह दिवाना हुआ है तो अब्दुल्लाह के चाहने वालों को तकलीफ होना तो लाज़मी है ना।

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