आजादी का पहला उद्देश्य देश के सभी वर्गों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना था। धर्म, जाति, वर्ग, नस्ल, ¨लग, भाषा के भेदभाव के बिना सभी वर्गों के पिछड़ेपन को दूर करने और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए उन्हें आरक्षण की सुविधा दी गई, जो सदियों से अन्याय के शिकार रहे। परंतु स्वतंत्र भारत की पहली कांग्रेस सरकार जिसका नेतृत्व पंडित जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे, उसने समाज के विभिन्न दलितों/अति पिछड़े वर्गों के साथ भेदभाव करते हुए आरक्षण से संबंधित धारा 341 में संशोधन कर धार्मिक प्रतिबंध लगा दिया। इसका राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल विरोध करती है। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल का मानना है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं बल्कि आर्थिक व सामाजिक अवस्था के आधार पर दिया जाना चाहिए।
मोहम्मद नफ़ीस अहमद आज़मी
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल आज़मगढ़
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