माफ़ कीजियेगा इस्तलाहे आम मैं कहा जाता है की बिना मांगे तो मां भी दूध नहीं पिलाती शायद सही ही कहा है ! आज तक मुस्लिम लीडरों ने नामनिहाद सेक्युलर तंज़ीमों से क़ौम के हक़ मैं कोई सवाल किया ही नहीं तो मिलता भी क्या ? आज तक मुस्लमान हिंदुस्तान मैं सियासी लवारिसी की ज़िंदगी जीने पर मजबूर है और उसके क़ुसूरवार हमारे वही सियासतदां हैं जो अपने मफ़ादात और कुर्सी के लालच की बिना पर मुस्लिम क़ौम को इन नामनिहाद सेक्युलर तंज़ीमों मैं धकेलते रहे , और इस हुकुमरान क़ौम को रिक्शा ठेला मज़दूरी भीक और हर उस काम को करने वाली क़ौम बना दिया जिस काम से दूसरों को निजात दिलाने के लिए यह क़ौम पैदा हुई थी !
अपना हक़ माँगो, खुलकर माँगो, खुद माँगो, मोहताज नहीं मज़बूत बनो राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल आपका इस्तक़बाल करती है !
अनवर दुर्रानी
प्रदेश महासचिव
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल
09458529551
No comments:
Post a Comment