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Sunday, 19 August 2018

हिन्दुस्तानी मुसलमानो के एक बड़े वर्ग से उनको दिया हुआ आरक्षण का हक़ छीन लिया गया । तलहा रशादी राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल

२२ साल के हार्दिक पटेल नाम का युवा बहुत चर्चा में है जो गुजरात में आर्थिक रूप से मज़बूत पटेल बिरादरी को आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन कर रहा है, 16 अगस्त को हार्दिक पटेल सूरत शहर में लाखो की भीड़ के साथ आरक्षण के लिए सड़क पर उतर गया और मजबूरन मीडिया को उसकी आवाज़ को सुर्ख़ियों का हिस्सा बनाना पड़ा ई ऐसा क्यों हुआ? क्यूंकि आर्थिक रूप से मज़बूत होने के बावजूद पटेल आरक्षण से होने वाले फायदे को समझते हैं इसलिए वो सड़क पर उतर पड़े एक अनजान, अनुभवहीन नौजवान की आवाज़ पर लेकिन अफ़सोस के हम हिन्दुस्तानी मुसलमानो के एक बड़े वर्ग से 60 साल पहले उनको दिया हुआ आरक्षण का हक़ छीन लिया गया पर हम आज तक कोई बड़ी लड़ाई या आंदोलन नहीं कर पाये इस मसले पर क्योंकि हमारे लोगों में इस मसले को लेकर न तो बेदारी है न जागरूकता है और नाही लगन है, हमारी कुछ क़ाइदीन इस कोशिश में लगे तो हुए हैं पर अफ़सोस क़ौम को मोदी - मुलायम को गाली देना और लम्बी लच्छेदार तकरीरें ज़्यादा पसंद हैं बनिस्बत के ज़मीन पर इन मुद्दों की लड़ाई लड़ना... मुसलमानो को लगता है की उनकी मज़्लूमियत की दास्ताँ सुनाने वाला और दुसरे सियासी दलों को गाली देने वाला ही उनकी असल लड़ाई लड़ रहा है बनिस्बत की इन मुद्दों पर आवाज़ उठाने वाला और आंदोलन करने वाला इसीलिए अगर आप मुसलमानो की भीड़ लगवानी हो तो जज़्बाती मुद्दे उठाईये ना की आरक्षण जैसे तरक़्क़ीयाती मुद्दे जिससे मुसलमानो का कोई लेना देना ही नहीं है और नाही उन्हें इस बात का एहसास है कि आरक्षण को खोकर उन्होंने क्या खोया और आरक्षण को पाकर वो क्या पाएंगे....
बाकी नींद पूरी हो जाये तो इस बारे में सोचियेगा ज़रूर....

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