"सांपो से लड़ने के कुछ पैतरे भी सिख "
"जो चाहता है घर चंदन की डाल पर "
हिदुस्तान के मुसलमान पिछले 67 सालो से सिर्फ और सिर्फ राजनैतिक पार्टियो के लिए वोट बैंक है राजनैतिक पार्टिया जानती है की यह एक ही ऐसा समुदाय है जिसको सुविधाओ देने का झुनझुना हाथ में पकड़ा दो और सत्ता के शीर्ष पर पहुच जाओ !
“मुस्लिम आरक्षण“ ये शब्द ही काफी है तथाकथित स्वयं को रास्ट्रवादी कहने और कट्टरपंथी सोच रखने वालो लोगो की भोहे चढ़ जाने के लिए मानो किसी गैर ने अपनी जागीर में से हिस्सा मांग लिया !!
मुस्लिम आरक्षण से जुड़ा एक और अहम मुद्दा है. केंद्र सरकार मुसलमानों को शेड्यूल कास्ट (एससी) का दर्जा देने से बच रही है. जबकि सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट साफ-साफ बताती है कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक तौर पर देश के मुसलमानों की हालत दयनीय है. रंगनाथ मिश्र आयोग ने तो अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों में से ज़्यादातर लोगों की हालत हिंदू दलितों से भी बदतर है !
जो वर्ग (समुदाय) 70 सालो से इस राजनीतिक षड़यंत्र का शिकार है उसे उसका हक़ मिले, आज इस विषय पर विचार-विमर्श करना भी आपको गवारा नहीं है। संसद और विधानसभा के लिए चुने जाने वाले मुस्लिम सदस्यों की संख्या में भारी वद्धि हो जाएगी और फिर इस प्रकार उच्च प्रशासनिक सेवाओं में मुसलमानों की हैसियत बढ़ जाएगी। यानी आप नहीं चाहते कि मुसलमानों को यह अवसर मिले !!
"संघर्ष ज़िन्दगी है करना इस पड़ेगा, संघर्ष से जो डरेगा आगे नही बढ़ेगा !!
"आरक्षण " हमारा अधिकार है , और इस अधिकार की प्राप्ति के लिए हमारा संघर्ष। जारी था, जारी है , और हमेशा जारी रहेगा !
Rashtriya Ulama Council 10 अगस्त को पूरे प्रदेश से लेकर दिल्ली तक अन्याय दिवस के रूप में मनायेगी और धारा 341 पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग करेगी !!
शहबाज़ रशादी
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल
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