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Friday 21 December 2018

ज़ुल्म व अन्याय के ख़िलाफ़ बोलना बग़ावत है तो एक बार नहीं हजार बार करेगें

#ज़ुल्म व अन्याय के ख़िलाफ़ बोलना बग़ावत है तो एक बार नहीं हजार बार करेगें :-
ज़ुल्म और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना बगावत है तो मैं यह बगावत एक नहीं हजार बार करूँगा इसके लिए चाहे मुझे जेल ही न क्यों जाना पड़े नुरुल हुदा जेल से नही डरता क्योकि हमारा एक पैर जेल में दुसरा पैर रेल में आंदोलन करने के लिए तैयार रहता  है !
हम लोगों की लड़ाई फ़ांसीवादी ताकतों और संकीर्ण  मानसिकता के लोगों से है अगर हमारे संघर्षो से किसी माँ का खोया लाल , किसी को अन्याय के जगह न्याय मिलता है तो हम किसी अंजाम भी परवाह किये बिना ये बगावत करते रहेंगे !
हम आन्दोलकारी लोग हैं जहां भी जनता के साथ ज़ुल्म होता है तो हम लोग मुँहतोड़ जबाब देने वाले हैं चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम हो अगर ज़ुल्म किसी मुसलमान के साथ हुआ हो तो ज़ुल्म करने वाले के खिलाफ होंगे  वही किसी हिन्दू भाई के साथ अन्याय होगा तो हम हम हिन्दू भाई के साथ खड़ा रहेंगे लेकिन कुछ ओछी व् संकीर्ण मानसिकता के लोगों को ये रास नही आ रहा जो हम पर फर्जी मुकदमे लादने की कोशिस की जा रही है लेकिन वो जानलें मुकदमों और जेल से घबराने वालो का नाम नुरुलहुदा नही है
ये लड़ाई फांसीवादी शक्ति बनाम मानवता के नाम लड़ी जा रही है जिसे बिना अंजाम तक पहुचाये हम मानने वालो में से नहीं हैं हमारे इस जनआंदोलनो को देख सत्तापक्ष के लोगो का रातो की नींद गायब हो गयी है जिसे तमाम तरह के परोपगंडे व कुचक्र रचकर  कर इसे रोकना चाहती है जो लोकतन्त्र और संविधान के खिलाफ है ! कभी JNU को तो कभी AMU को तो कभी जामिया समेत देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के एक्टिव , हाई एजुकेटेड छात्र नेताओं व छात्रों को मंसूबा बंद तरीके से एक घिनौनी साजिस के तहत उनको फर्जी मुकदमों में फंसा कर सावरकर और नाथूराम गोडसे के ऑडियो लॉजी फॉलो करवाना चाहते हैं तो यह असम्भव है हम वतन के दीवाने कभी अंजाम का प्रवाह नहीं करते हम लोग संघर्ष पर विश्वास करते हैं और तख्त व ताज को बदलना जानते हैं !
सहयोग आप का - संघर्ष हमारा
हर जोर ज़ुर्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है
पीड़ितों को न्याय दिलाने में आप का सहयोग ही सहारा है
https://youtu.be/PhtCcj-A0mg

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